ना बात तुम्हारी, ना याद हमारीउस रब ने लिखी ये ऐसी कहानीना कुसूर तुम्हारा, ना ख़ता हमारीतक़दीर में नहीं कोई निशानी हमारी - Kanishka Rao
ना बात तुम्हारी, ना याद हमारीउस रब ने लिखी ये ऐसी कहानीना कुसूर तुम्हारा, ना ख़ता हमारीतक़दीर में नहीं कोई निशानी हमारी
- Kanishka Rao