13 APR 2017 AT 8:54

शब्दों से खेलना नहीं आता
फिर भी कोशिश करता हूँ।
शब्दों के बिखरे मोतियों को
एक कागज पर पिरोता हूँ।

- Kanha sharma(natkhat_write✍️)