25 JUL 2019 AT 13:12

सुमन जो प्यार के हमनें खिलाये
उन्हें जीवन पथ पर बिखेरते जाइये
मौसम कल बदले उससे पहले
उनकी महक से नहाते जाइये

किस पल जुदा हो जाये
किस दरवाजे निकल जाये
शायद फिर न मिल पाये
इत्तफाक की इस रस्म को निभाइये

दस्तूर है जिंदगी का मिलना बिछड़ना
जीवन की इस रीत को संजीदगी से निभाइये
अफसोस न हो हमें कभी मिलने का
बिछड़ते हुए बस आप जरा दिल से मुस्कराये
रचियता ✍️ कमल भन्साली

- कमल सिंह भंसाली