तुम तो मेरी प्रेम भाषा हो।
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तनहाई याे मे गुजर जाति है दीन राते
दीखती नही उजाले की कीरन।
उम्मीद बाकी है।
भरोसा उजागर हो,
खोनजावु, कही राहोमे,
उम्मीद बाकी है ।-
ಆನಂದದಿ ಬಾಳೋಣ
ದ್ವೇಷವನ್ನ ದೂರ ಮಾಡೋಣ
ಅನುರಾಗ ಹಂಚೋಣ
ಕಷ್ಟಗಳ ನೀಗೋಣ
ಒಗ್ಗಟ್ಟು ಸಾಧಿಸೋಣ
ಶಾಂತಿಯ ನೆಲೆಸೋಣ
ಜೋತೆಯಾಗಿ ಬಾಳೋಣ.
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सुबह सुबह की तेरी याद भी चहरेपर मुस्कुराहट
लादेती हैं ।
तेरी दूंदलीसी छाया आन्खो से गुजरजाती हैं ।
सफेद फूलों की बहुचार आंगन मे खीलजाती हैं ।
सुरज की कीरने भी चमकने लगती हैं ।
दील की धडकने भी तेज हो जाती है।
लगता है तुम पास हो, मगर दीखते नही हो।
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ऊजाले से आन्खे ना चुराना
सच्चायीसे मुह न मोडना
कमजोरी तुम्हे छुन सके
समाज को देखनेकी अपनी नजरीया बदलो
सकारात्मक चींतन करो
कीसी के गलती पर ऊन्गी मत उठाओ
अपने पर भरोसा रखो
मंजील तक्क अवश्य पहुन्चो रे।-
जब तक मेरे दील्ल मे सान्से चलती रहेगी
तब तक
तु मेरे दीनाग मे खटकते रहेगा।
दब मेरी सान्से रुकजायेरी
तब मै तेरे दीमाग मे खटकती रहूनगी।।
वा वा वा
क्या बात है।-
ಇಂದ್ಯಾಕೊ ನಿನ್ನ ನೆನಪ ಹೊಳ್ಳಿ ಹೊಳ್ಳಿ ಕಾಡತೈತಿ.
ಮೊದಲ ಮಳಿ ಬಂದಾಗ, ಮಣ್ಣಿನ ವಾಸನಿ ಬಂದಂಗ,
ಗಿಡದಾಗ ಸಂಪಿಗಿ ಅರಳಿ ಪರಿಮಳ ಬಿರಿದಂಗ
ಕೋಗಿಲೆ ಕೂಗಿದಂಗ,
ನವಿಲು ಕುಣಿದಂಗ
ಇಂದ್ಯಾಕೋ ನಿನ್ನ ನೆನಪ ಹೊಳ್ಳಿ ಹೊಳ್ಳಿ ಕಾಡತೈತಿ.-
कैद करदीया है मन को
चाबी तो तुने रखली।
आसान नही बाहर नीकलना
चाहु तो भी दैड न सकुंगी ।
जंजीरे तेरे प्यार की जकडी हुयी है।
तेरे मंजील तक पहुंच ने के लीये
अब बस फांसी का फंदा ही काफी है ।
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ममता की मुरत थी तुम।
प्यार का सागर थी तुम।
बीच राह मे नाता छोडकर
मुस्कुरा ते नीकलपडी
मंजील तो पार कीया होता।
खीलते फुलोंको बीच मजधार मे छोडगयी।
जगह तेरी जोभी ले उसमे तुजे पायेंगे।
जीस प्यार को तुमने हम्म पे संजोया हैं
उसे भुल न पायेंगे।
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