कात्यायनी गौड़   (●कात्यायनी गौड़)
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Joined 19 June 2017


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Joined 19 June 2017

ये दिन तुम्हे मुबारक .......!!!!!

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वो उपन्यास सी है उस ज़माने में जब
लोगो को पसन्द आते है अखबार,
ना ही लघु कथाएं ना ही कहानियां।।

तुम चाहते हो सुबह की शुरुआत
हो चटकारे भरी खबर से
मोटी सुर्ख़ियों में लिखी
चटपटी बातों से ,
वो ठहरी एक कहानी
जिसकी शुरुआत में शायद हासिल हो
तुम्हे बस फ़क़त चार बातें ।।

तुम चाहते हो पन्ना पलटते ही
शहर बदल जाए ,
उसे तुम पढो घण्टे भर
तब भी वो शायद बैठे मिले उसी कुर्सी पर
कुछ उधेड़ बुन करती अपने दिमाग में ।।

तुम चाहते हो पढ़ना बातें रंगीन
पन्ने पर सजी पंक्तियों में ,
उसकी कहानी मिलेगी तुम्हे
काले , सभी एक जैसे शब्दो में
शुरू से अंत तक ।।

कुछ नही मिलेगा मन लुभाने वाला
उसके पास तुम्हे,
हाँ मिल सकता है शायद थोड़ा
सुकून , कुछ अनुभव और
एक जीवंत "उपन्यास" ।।।।

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"अधूरापन"

कुछ अहसास अधूरे ही बेहतर हैं ए-दोस्त
चंद्रमा भी पूरा हो तो शून्य प्रतीत होता है......!!!!!

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जो मोहब्बत शिद्दत से करते हैं
सुना है...
उनकी नफरत से शैतान भी डरते हैं !!!!

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सुनो
जीन आंखों में ख्वाब सजने है ना
उनमे यूँ खारे पानी को जगह मत दो यार
क्या सुना नही तुमने ?
नमक तो हड्डियों तक को खत्म कर देता है....... !!!

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लिखना क्यूँ पसन्द है क्या बताऊँ
बस ये जान लो कि ,
आजतक इस एक चीज़ की वजह से कोई नुकसान नही हुआ
यकीन जानो बस ये ही वो जगह है जहाँ अहसासों का अपमान नही हुआ
जहाँ हर आँसू का मेरे हिसाब होता है
जहाँ अहम खुद ब खुद रुबाब खोता है
जहाँ मुझ में बस मैं होती हूँ
जहाँ में खुद के और करीब होती हूँ
वो जो मुझे सुनते नही
वो यहाँ पढ़ लेते है
उनके भी भृम दूर हो जाते है
जो मन में गढ़ लेते है
मुझे सांस लेने से ज़्यादा लिखना भाता है
मुझे जीने से ज़्यादा लिखना आता है !!!!!!!

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गर आज इतनी शिद्दत से नफरत हुई है
तो कभी बेतहाशा इश्क़ भी हुआ होगा
आज गर निकाल फेंका है यादो से भी
तो कभी बैठाया होगा बड़े प्यार से दिल मे भी !!!

प्यार यूँही तो खत्म हुआ नही करता
कत्ल होता है उसका अपनो के हाथों !!!!

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वो जो दूर चले जाते है
जिनके लौट के आने की उम्मीद भी नही होती
वो जो आंखों में नमी छोड़ जाते है
कमबख्त याद बहुत आते है
वो जो कल साथ बैठे थे
आज सिर्फ तस्वीर में दिखते है
वो जिनके संग चले थे
आज जिन्हें हम तारीख में लिखते है
वो जाने क्यों ये समझ नही पाते है
कमबख्त वो याद बहुत आते है
वो जिनसे हमे हमारे होने का पता चलता है
वो जिनसे पहचान मिलती है
ना जाने क्यों एकदम से गुम हो जाते है
वो जाने क्यों याद बहुत आते है !!!!

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तुम रुकना मत.... !!!!
(केप्शन पढें ...)

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आग में शोर नही होता
फिर भी नफा वो किसी का करती नही,
और तुम कहते हो कि मैं
चुप बहुत हूँ ........

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