डूबना ही एक इकलौती सज़ा तो ना थीपरहम फ़िराक़ में थे कि किनारा ना आने पाए।। -
डूबना ही एक इकलौती सज़ा तो ना थीपरहम फ़िराक़ में थे कि किनारा ना आने पाए।।
-
राज़ अपने राज़ ही रहने दो.....नहीं तो....दुनिया बेचेगी वो अलगमुनाफ़ा कमाने में भी कमी नही रखेगी।।। -
राज़ अपने राज़ ही रहने दो.....नहीं तो....दुनिया बेचेगी वो अलगमुनाफ़ा कमाने में भी कमी नही रखेगी।।।
उससे बात कर रहे हो तोउसी से करोयूँ तो उसे बातें दोहराते रहनी पड़ेगी....और तुम बात समझ नहीं पाओगे।।। -
उससे बात कर रहे हो तोउसी से करोयूँ तो उसे बातें दोहराते रहनी पड़ेगी....और तुम बात समझ नहीं पाओगे।।।
वक़्त निकाल के आओगे तो जान पाओगे.....ऐसे बचे हुए वक़्त में हाल पूछोगे तोठीक ही लगूंगी।।। -
वक़्त निकाल के आओगे तो जान पाओगे.....ऐसे बचे हुए वक़्त में हाल पूछोगे तोठीक ही लगूंगी।।।
अगर तुम सुनने के लिए भी बोलतेतोहम भी उस बात में शरीक हो जाते।।।। -
अगर तुम सुनने के लिए भी बोलतेतोहम भी उस बात में शरीक हो जाते।।।।
चर्चे उस किस्से के.....कुछ यूँ सरेआम होने लगेकिइल्ज़ामों की इन्तेहा तो हुई हीगवाह भी बस ख़ामोश रहे।।।। -
चर्चे उस किस्से के.....कुछ यूँ सरेआम होने लगेकिइल्ज़ामों की इन्तेहा तो हुई हीगवाह भी बस ख़ामोश रहे।।।।
बात मान जाने की आदत थी उसकीवो गया भी तो....खुद की मर्ज़ी से नहीं।।। -
बात मान जाने की आदत थी उसकीवो गया भी तो....खुद की मर्ज़ी से नहीं।।।
मुझे रंगना तेरे हिस्से ही है सलीक़े तेरे होंगे.......औरलोगों के उठाये सवालों के जवाब भी।। -
मुझे रंगना तेरे हिस्से ही है सलीक़े तेरे होंगे.......औरलोगों के उठाये सवालों के जवाब भी।।
तेरी बातें सुनने का ही बहाना लिएगए थे वहाँअपने बारे में भी बहुत कुछजान कर आ रहे हैं।।। -
तेरी बातें सुनने का ही बहाना लिएगए थे वहाँअपने बारे में भी बहुत कुछजान कर आ रहे हैं।।।
तुम कुछ कहोगे नहींऔर हम सुनते भी रहेंगेकिकुछ यूँ भीअपनी ढ़ेरों बातें हुईं हैं।।। -
तुम कुछ कहोगे नहींऔर हम सुनते भी रहेंगेकिकुछ यूँ भीअपनी ढ़ेरों बातें हुईं हैं।।।