कागज़ में लिखे अल्फ़ाज़ का मोल नहीं है अभी,ये कागज़ों से निकल,क़िताब का आकार लेंगें कभी,जो बातें कल की खबरें थी,वो आज ज़मीन से चीखेगी,चिल्लाएगी।मग़र कल पतंग बन आसमां को छू जाएगी।। - John
कागज़ में लिखे अल्फ़ाज़ का मोल नहीं है अभी,ये कागज़ों से निकल,क़िताब का आकार लेंगें कभी,जो बातें कल की खबरें थी,वो आज ज़मीन से चीखेगी,चिल्लाएगी।मग़र कल पतंग बन आसमां को छू जाएगी।।
- John