रावण का अंहकार हर तरफ़ फैलाकर, राम की मर्यादा को बर्बाद कर रही हैlरावण के नक्शे कदम पर चलती हुई ये दुनियाँ, राम को याद कर रही है l- Jograj— % & -
रावण का अंहकार हर तरफ़ फैलाकर, राम की मर्यादा को बर्बाद कर रही हैlरावण के नक्शे कदम पर चलती हुई ये दुनियाँ, राम को याद कर रही है l- Jograj— % &
-
अच्छा यूँ कर, मुझे मेरे वक़्त की दुआ सलाम करआँख बंद कर, ज़िंदगी गुज़ार ले, फ़िर आराम कर! -Jograj -
अच्छा यूँ कर, मुझे मेरे वक़्त की दुआ सलाम करआँख बंद कर, ज़िंदगी गुज़ार ले, फ़िर आराम कर! -Jograj
तारों ने आसमां से उस रात कुछ तो बात की थीचाँद ने फिर कहीं जाकर हमसे मुलाक़ात की थी।- Jograj -
तारों ने आसमां से उस रात कुछ तो बात की थीचाँद ने फिर कहीं जाकर हमसे मुलाक़ात की थी।- Jograj
जिस पल तेरे जहन ने जिक्र किया था मेरारात स्याह थी, तारों ने फ़िक्र किया था मेरा। -Jograj -
जिस पल तेरे जहन ने जिक्र किया था मेरारात स्याह थी, तारों ने फ़िक्र किया था मेरा। -Jograj
ये कौन सी मज़बूरी का नाम लिया है तूने फिरमुझे छोड़ ये किस का नाम लिया है तूने फिर? -
ये कौन सी मज़बूरी का नाम लिया है तूने फिरमुझे छोड़ ये किस का नाम लिया है तूने फिर?
राबता रूह से मेरा उसका, पहचान परछाई से हो गयीरोशनी रहनुमा से यूँ मिली, कि रूबरू जिंदगी हो गयी। -
राबता रूह से मेरा उसका, पहचान परछाई से हो गयीरोशनी रहनुमा से यूँ मिली, कि रूबरू जिंदगी हो गयी।
ख्वाबों का कत्ल कर उस शाम जब इश्क़ मोहल्ले पहुंचे थेबारिश में भीगकर, हाँ! नंगे पाँव तब तुमसे मिलने पहुंचे थेl -
ख्वाबों का कत्ल कर उस शाम जब इश्क़ मोहल्ले पहुंचे थेबारिश में भीगकर, हाँ! नंगे पाँव तब तुमसे मिलने पहुंचे थेl
हैं दर्द में जो सदियों से वो, उनकी बात करेगा कौन? हैं बेजुबां वो, मर रहे जो, उनके साथ खड़ेगा कौन? कुछ तो सोचा होगा रब ने, तुझे जो इतना बल दियासोच दी, आवाज भी और आज के संग कल दिया। चल दे मिसालें, इस जहाँ में, अब ज़ोर से आवाज़ देतुं रोशनी बन दिन में ढल जा, उनको उनका आज दे। #foranimals #peepalfarm -
हैं दर्द में जो सदियों से वो, उनकी बात करेगा कौन? हैं बेजुबां वो, मर रहे जो, उनके साथ खड़ेगा कौन? कुछ तो सोचा होगा रब ने, तुझे जो इतना बल दियासोच दी, आवाज भी और आज के संग कल दिया। चल दे मिसालें, इस जहाँ में, अब ज़ोर से आवाज़ देतुं रोशनी बन दिन में ढल जा, उनको उनका आज दे। #foranimals #peepalfarm
रंगीन सुबह का वो रंगीन सपना, हाँ उसका थाऔर उसने वहाँ चाय में जैसे इलायची घोल लीमहक का वो एहसास अपना, स्वाद अपना थाऔर पूरी रात बाकी थी, हमने आँखें खोल ली। - Jograj -
रंगीन सुबह का वो रंगीन सपना, हाँ उसका थाऔर उसने वहाँ चाय में जैसे इलायची घोल लीमहक का वो एहसास अपना, स्वाद अपना थाऔर पूरी रात बाकी थी, हमने आँखें खोल ली। - Jograj
हर बार की तन्हाई, हर बार के किस्सेहर बार हमारी किस्मत, ये हमारे हिस्से। -
हर बार की तन्हाई, हर बार के किस्सेहर बार हमारी किस्मत, ये हमारे हिस्से।