दफ्न है तेरे मेरे किस्से वक्त की धूल मे ,यादो की आंँधि मे अक्सर ये सांस लेते है | - Jitendra Shardul
दफ्न है तेरे मेरे किस्से वक्त की धूल मे ,यादो की आंँधि मे अक्सर ये सांस लेते है |
- Jitendra Shardul