26 JUN 2017 AT 17:31

*तलाश*

बडे़ अरसे बाद आज उनकी गली से गुजरना हुआ, घर आते ही उसका ये दिल धड़कना शुरू हुआ, उठा के नजरे देखा उनकी खिड़की की तरफ, शायद उनका दिदार हो जाये,  लेकीन आज तो वो शीशा भी टुटा था जहा से जुल्फे संवारते उनका दिदार होता था,
बस समझ गया मैं अब वो वक्त नही रहा, जब उनके नजर भर देख लेने मात्र से मैं मर मिट जाना चाहता था, मैने नजरे झुकायी और निकल गया उनकी गली से दिल मे दरारे लिये मरहम की तलाश मे.....

- Jitendra Shardul