अब चुप से हो गये हैं खुद से भी...
धाव् जो दे बैठे हैं खुद को खुद से ही..!
ये जज़्बात को अब अल्फाज़ नहीं रहे...
क्योकिं अब अल्फाज़ को वो जज़्बात नहीं रहे..!
धाव् जो दे बैठे हैं खुद को खुद से ही...
क्योकिं अब जज़्बात और अल्फाज़ खुद के नहीं रहे..!!-
हमनें कभी भी तुमसे बगावत नहीं की...
फिर भी तुमने हमसे अदावत बहोत की..!!!-
तुम्हारी कमी हैं,
क्युकी यादों में नमी हैं..!
निगाहों में छबी हैं,
क्युकी मिलने में खलीश हैं..!
निगाहों में अमी भी हैं,
क्युकी मिलने की बेकरारी भी तो हैं..!!-
यूं ही सोचते सोचते लिख़ने लगी,
फिर वही खलिशो सेे लिपटने लगी..!
कुछ भी तो नहीं बदला हममें,
फिर वो क्यू बदल गए हमसे..!
शायद कुछ भी नहीं बदला हममें,
इसलिए बदल गए वो हमसे..!!-
माना की बहोत बदल गए है हम...
बिना चाहें ही बिखर गए है हम...
छिपा तूफ़ान को मुस्कुराके चलते है हरदम...
और ये क्या.!!
सब को लगता है खुश हो गए है हम...-
ले जाना,
अगर कभी काच का टुकड़ा उठाना हो,
तो हाथ हमारे ले जाना...!
अगर कभी ज़िन्दगीभर का साथ चाहिए हो,
तो साथ हमारा ले जाना...!
अगर कभी कांटों से भरे रास्ते पें चलना पड़े,
तो पैर हमारे ले जाना...!
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फिर कहेना,
तुम्हारे एक इशारे पर, अपने ख़्वाब छोड़ कर..
तुम्हारे ख़्वाबों से रिश्ता ना जोड़ लू, तो फिर कहेना..!
तुम्हारे एक इशारे पर, तुम्हरी रूह से रिश्ता जोड़ ना लू,
तुम्हारी हर समस्या में, पडछाई की तरह साथ ना दू, तो फिर कहेना...!
तुम्हारे एक इशारे पर, तुम्हे तकलीफ मै भी हँसा ना दू,
तुम्हारे ख़्वाबों को, हकीकत ना बना दू, तो फिर कहेना..!
तुम्हारे एक इशारे पर, अपने ख़्वाब छोड़ कर..
तुम्हारे ख़्वाबों से रिश्ता ना जोड़ लू, तो फिर कहेना..!
एक-बार कहे कर तो देखो..!!
-jinal
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Whenever I try to solve your problem,
I talk to make you happy.
You make me realize that I am nothing to you.-
प्रकृति को अब थकान हो गई......
समजाते समजाते कई ज़िन्दगीया तबाह हो गई.. !!
दिल मिलाने से तो डर लगता था जनाब,
अब हाथ मिलाने से भी डर लगता है... !!
दिन प्रतिदिन ना जाने नई तस्वीर बनती जा रही है,
दुनिया अब हमारी बेबस बनती जा रही है... !!
अब डर सा लगता है,
पता नहीं कल अख़बार मैं कोनसी खबर होंगी...
खेर छोड़ो...
कसर भी तो हम ही ने छोड़ी होंगी...!!
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