Jeet Choudhary   (अक्स....)
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Joined 26 September 2017


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23 JAN AT 9:13

प्रेम की भी अपनी अजीब कहानी है
प्रेम की परिभाषा ही कृष्ण राधारानी है....
औरों का इश्क भले जिस्मानी हो
लेकिन तुझसे जो है शायद वही रूहानी है...

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27 JAN 2023 AT 21:22

कब तक रोकू कितना टोकू
अपने इस दिल के कितने पास बुलाऊं....
वो चुप सी है आंखे मूंदे....
उसे समझाऊं तो कितना समझाऊं

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11 OCT 2022 AT 0:52

बस यूं ही बदल जायेगा
हमारे रिश्तों का ताना बाना....
अलग रास्तों पे तेरा और मेरा
बहुत दूर निकल जाना....
और मैने तो बहुत संभाल के रखा है
साथ बीते लम्हों को....
बस तू भी सहेज लेना हमारा अफसाना

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20 SEP 2022 AT 14:11

मेरी बेचैन सी धड़कनों की
चैन सी तू हो जा....
बस एक बार मेरे दिल के मुहाने तू हो जा
और मैं सो जाऊं सब भुला के
बस एक बार मेरे सिरहाने तु हो जा...
मेरे हर मर्ज की दवा तू हो जा
मैं लब खोलू बस दुआ तू हो जा....
कसम से मैं मूंद लूं ये आंखे हमेशा के लिए
बस मेरे ख्वाबों के पैमाने तू हो जा...

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3 JUN 2022 AT 13:57

खामोश रातों में तन्हा खानाबदोश हूं
मैं दुनिया में दुनिया की दुनियादारी से अब होश में हूं
और गैरो के खंजर तो बस पीठ पे थे
दिल काट लेने वाले अपनो को देख खामोश हूं

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26 FEB 2022 AT 0:06

लिखना तो बहुत है अल्फाज़ कम नहीं है...
मेरे लब भी इस दिल से नाराज़ कम नही है...
की गर मोहब्बत धरकनो से है
तो आवाज जरूरी नहीं है...
भरोसा तेरी हां का है
तो प्रस्ताव जरूरी नहीं है....

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8 FEB 2022 AT 16:40

प्यार भले वासुदेव सा हो ...
इंतजार महादेव सा होना चाहिए...
इरादा भले राम सा हो...
वादा महादेव सा होना चाहिए...

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7 FEB 2022 AT 10:41

हर वक्त का हिसाब हूं
मैं जिंदगी का रिवाज हूं...
रात और दिन का खिंचाव हूं
मैं वेद और पुराण हूं.....
हर वक्त का हिसाब हूं
हां मैं किताब हूं.....
इंसान का बदलाव हूं
हर मर्ज का इलाज हूं...
मूक सी आवाज हूं
जीने का अंदाज हूं...
हर वक्त का हिसाब हूं
हां मैं किताब हूं...

_अक्स...

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3 FEB 2022 AT 15:14

खुदा ने खूब तराशा है....
ये जिस्म कोरे कागज़ सा तेरा....
की लिख दूं हर्फ दर हर्फ
हर जज़्बात मेरा.....

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17 SEP 2021 AT 23:56

तेरी बात तुझे याद तुझे प्यार करना
कब का छोड़ चुका हूं मैं...
की तेरी रहगुजर से गुजरना
कब का छोड़ चुका हूं मैं....
और तेरी आंखों से उतरते शर्म ओ हया को देख
तुझसे नज़रे मिलाना कब का छोड़ चुका हूं मैं....

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