पाँव ना होने का एहसास तब हुआ जब सफ़र में एक इंसान ने पूछा कीकाग़ज़ात तो बनवाये हो ना पाँव के ॥ -
पाँव ना होने का एहसास तब हुआ जब सफ़र में एक इंसान ने पूछा कीकाग़ज़ात तो बनवाये हो ना पाँव के ॥
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मुंबई local की तरह हो गई है ज़िंदगी !!आस पास भीड़ तो बहुत है मग़र……अंदर से इंसान बहुत अकेला है ।।।।। -
मुंबई local की तरह हो गई है ज़िंदगी !!आस पास भीड़ तो बहुत है मग़र……अंदर से इंसान बहुत अकेला है ।।।।।
समेटने में सब कुछना जाने पल भर में कोई कैसे बिखर जाता है -
समेटने में सब कुछना जाने पल भर में कोई कैसे बिखर जाता है
तुम्हें हकीकत मान बैठे हैं। -
तुम्हें हकीकत मान बैठे हैं।
कितने झुठों का इल्ज़ाम लगावोगे मेरे सर पर.....आखिर कुछ तो सच रहा होगा हम दोनों के बीच। -
कितने झुठों का इल्ज़ाम लगावोगे मेरे सर पर.....आखिर कुछ तो सच रहा होगा हम दोनों के बीच।
एक रोज़ फिर मुझे अजमाया गया,रूठा रहा मैं!और उसे मनाया गया। -
एक रोज़ फिर मुझे अजमाया गया,रूठा रहा मैं!और उसे मनाया गया।
गोर हमनें भी किया था उन्हें रास्तों पर,वो साथ चलना तो चाहते थे,मगर...लड़खड़ाते हुए । -
गोर हमनें भी किया था उन्हें रास्तों पर,वो साथ चलना तो चाहते थे,मगर...लड़खड़ाते हुए ।
फिर से अजमाने की कोशिश की है,ये मोहब्बत मुझे तेरे हर रंग देखने है। -
फिर से अजमाने की कोशिश की है,ये मोहब्बत मुझे तेरे हर रंग देखने है।
खुले किताब की तरह मैं उसे पढ़ता रहा,वो मुझे अखबार की तरह पलटती रही। -
खुले किताब की तरह मैं उसे पढ़ता रहा,वो मुझे अखबार की तरह पलटती रही।
मैं मीठे का शौकीन था,उसे तीखे की आदत थी! कुछ देर साथ चले फिर, रिश्तों में कड़वाहट थी॥ -
मैं मीठे का शौकीन था,उसे तीखे की आदत थी! कुछ देर साथ चले फिर, रिश्तों में कड़वाहट थी॥