Jay Aaryan   (बिखरे~एहसास)
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Joined 17 February 2018


Joined 17 February 2018
25 FEB 2023 AT 23:17

पाँव ना होने का एहसास तब हुआ
जब सफ़र में एक इंसान ने पूछा की
काग़ज़ात तो बनवाये हो ना पाँव के ॥

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17 DEC 2022 AT 22:49

मुंबई local की तरह हो गई है ज़िंदगी !!
आस पास भीड़ तो बहुत है मग़र……
अंदर से इंसान बहुत अकेला है ।।।।।

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9 DEC 2022 AT 22:47

समेटने में सब कुछ
ना जाने पल भर में
कोई कैसे बिखर जाता है

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13 SEP 2020 AT 22:15

तुम्हें हकीकत मान बैठे हैं।

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3 SEP 2020 AT 22:18

कितने झुठों का इल्ज़ाम लगावोगे मेरे सर पर.....
आखिर कुछ तो सच रहा होगा हम दोनों के बीच।

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2 SEP 2020 AT 0:40

एक रोज़ फिर मुझे अजमाया गया,
रूठा रहा मैं!और उसे मनाया गया।

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2 SEP 2020 AT 0:01

गोर हमनें भी किया था उन्हें रास्तों पर,
वो साथ चलना तो चाहते थे,
मगर...लड़खड़ाते हुए ।

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29 AUG 2020 AT 23:03

फिर से अजमाने की कोशिश की है,
ये मोहब्बत मुझे तेरे हर रंग देखने है।

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29 AUG 2020 AT 22:50

खुले किताब की तरह मैं उसे पढ़ता रहा,
वो मुझे अखबार की तरह पलटती रही।

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28 AUG 2020 AT 22:15

मैं मीठे का शौकीन था,
उसे तीखे की आदत थी!
कुछ देर साथ चले फिर,
रिश्तों में कड़वाहट थी॥

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