अपनी खुशियों को भाईयों पर वार देती है,
बहने तो ताउम्र बस स्नेह और प्यार देती हैं!
सपनों को अपने देखती हैं भाई की आँखो से,
ख़ुद डांट खा के भी, भाई को दुलार देती है!
लड़ता है भाई बेशक़ वजह बेवजह बहन से,
पर बहन से नोक-झोंक ही उसे करार देती है!
- ✍️ Kumaar Ki Kalam Se ✍️