Jahangir Ali   (अपरिचित)
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Joined 16 September 2017


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6 OCT 2022 AT 16:00

तू इजाज़त दे अगर तो,
इश्क़ की नई इबारत लिख दूँ |
जो थम जाये ये लम्हा यहीं,
मैं तेरे नाम अपनी ज़िन्दगानी लिख दूँ |

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11 SEP 2022 AT 7:25

तेरी सूरत पर नही,
तेरी सीरत पर मरते हैं,
तेरे जिस्म से नहीं,
हम तुझसे मोहब्बत करते हैं,
कि तू लाख छुपा ले नज़रें हमसे,
तेरी आँखों में भी मुझे,
अपना अक्स नज़र आता है,
करता हूँ कोशिशें तुझसे हाले दिल बताने को,
कहीं रूठ ना जाओ तुम,
डरता है ये दिल तुमसे प्यार जताने को,
है ये सच्चा इश्क़ तुझसे,
नहीं है कोई ये छलावा,
तुमसे ही है ज़िन्दगी मेरी,
हूँ बिल्कुल मैं तन्हा तुम बिन,
नहीं है कोई मेरे जीवन में,
तुम्हारे अलावा !

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10 SEP 2022 AT 19:55

सृष्टि का वरदान है, या है कोई अभिशाप ये,
दुःख दर्द को झेलती, पर मेरे सामने न जाने क्यों,
वो मुस्कान ही बिखेरती!

सर पर रख के टोकरी, बाँह में दबा के पोटली,
मेरे सपनों को सोचकर, आँसुओं को पोंछकर,
निकल पड़ी वो धूप में, अपना खून बेचने !

रुलाया खूब मैंने माँ को, दिल दुखाया खूब मैंने माँ का,
पर न जाने क्यों?
हमेसा उसे, मुझे दुआऐं देते पाया,
माँ के हृदय को भला,
कौन जान पाया?




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6 MAR 2022 AT 19:00


अच्छी बात नहीं

सुनो, ये बात-बात पर रूठ जाना अच्छी बात नहीं !

कोशिशें करता हूँ तुझे प्यार से मनाने की ,
तेरी हर ख्वाहिश पुरी करने की,
तेरे हर गम को दूर करने की,
न सोच की तेरी एक मुस्कान से,
तेरे अरमान से मुझे कोई सरोकार नहीं,
बस तेरा यूँही मान जाना अच्छी बात नहीं!

कभी-कभी हमारी भी नोंक-झोंक होती है,
वो प्यार वाली लड़ाई तो अपनी भी हर रोज़ होती है,
पर अक्सर मैं ग़ुस्से में तुम्हे कॉल नहीं करता हूँ,
या कभी ऑफिस से आने में काफी देर करता हूँ,
माना की ये कोई सच्ची बात नहीं!

मेरे इंतज़ार में तेरा यूँ पुरे घर में चहलकदमी करना,
मेरे आते ही तेरा वो मुझसे लिपट जाना तो ठीक है,
पर मुझे देखते ही तेरी आँखों के अब्र का फूट जाना,
तेरी आँखों केे अनमोल मोतियों केे बाँध का टूट जाना,
ये कोई,
अच्छी बात नहीं |

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24 JUN 2020 AT 11:28

अँधेरा है!

अँधेरा है,
घंघोर अँधेरा है,
प्रकाश भरपूर है,फिर भी अँधेरा है,
ज्ञान का, सम्मान का,
हाँ, अँधेरा है |

जातियों में बँटे,
धर्म के नाम पे कटे,
लोभी नेताओं के कुचक्र में हैं फँसे,
द्वेष के दलदल में सभी हैं कपाल तक धँसे|

ज्ञान-चक्षु लुप्त हैं,
मानवता सुषुप्त है,
हीन भावना से कुंठित,
समाज ऐसे ही जीने को अभिशप्त है|
अँधेरा है,घंघोर. .....

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23 JUN 2020 AT 12:58

ज़िन्दगी की दौड़ में, आगे निकलने की होड़ में,
मन है तेरा अभी और उड़ने का,
फिर अपनी ख्वाइश को दबाए, लोगों की ख़ुशी के लिए
यूँही रुकने की कौन भूल करता है|

हे नारी ! तुझमें है हिम्मत सब सेहने की,
सब्र के बाँध से बँधी आँखों से अपनी बातें कहने की,
हर क्षेत्र में अाज तेरा बोलबाला है,
किन्तु कुछ संस्कारी लोग तुझे अभी भी चार-दीवारी में ही रहने की सलाह देते हैं,
ये समाज अब भी तुझे चरणों की धूल कहता है,
तेरी इस आधुनिकता,आत्मनिर्भरता को
कौन कुबूल करता है...
कौन कुबूल करता है|

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1 SEP 2019 AT 17:33

...........लड़के बड़े मतलबी होते हैं.........

बचपन से बड़े होने तक माँ-बाप ने पाला,
हमारी पढ़ाई में कोई कमी न आए,
इसीलिए अपने सापनों को भूल,
हमारे लिए ही जीते हैं,
हम कहीं सो न जाएँ, वो भी आधी नींद सोते हैं,
12th केे बाद कोचिंग जाने के लिए हम बहुत आतुर होते हैं,
क्या करें हम लड़के बड़े मतलबी होते हैं|

ग्रेजुएशन केे बाद,
दूर शहर में थोड़ा किस्मत से लड़ना पड़ता है,
छोटे से कमरे में 4-5 लोगों को रहना पड़ता है,
होते हैं सब अंजान फिर भी दोस्त बन जाते हैं,
क्या करें हम लड़के बड़े मतलबी होते हैं |

पैरों पर खड़े होते ही,
माँ-बाप को भूल जाते हैं,
छुट्टी न मिलने का बहाना बना,
यूँ ही घर से दूर हो जाते हैं,
सबकी नज़रों में काफ़ी बदल जाते हैं,

शायद ही किसी ने सोचा की हम भी इंसान ही तो हैं,
घर की याद हमें भी सताती,माँ तेरे हाथ की रोटी अभी भी याद है आती,
पर खुल केे कुछ न कह पाते हैं,
हमारे अपने सपने नहीं होते,
हमें माँ-बाप के सपने पूरे करने होते हैं,
क्या करें साहब,
हम लड़के बड़े..........


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8 AUG 2019 AT 14:23

---An Un-Planned Daughter---

Somewhere,Someday, Someone
Found me in the drain of Filth,
Where my parents thrown me
because of their Guilt,
You left me there to blight,
You are responsible for your own plight,

You left me,
Out of shame, out of fear,
You left me to die,
You didn't even cry,
Oh my heart less Mother,
Instead of throwing why didn't you Smother,
I'm asking you,
Yes I'm your "Un-Planned Daughter"

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13 JUN 2019 AT 8:16

जो ख़फ़ा होंगे माँ-बाप तो,
न ही चादर काम आएगी मज़ार की,
न ही काम आएँगे मंदिर के फूल,
गर जो राज़ी हैं माँ-बाप,
तो ख़ुदा भी राज़ी,
और दुआएँ देंगी उनके कदमों की धूल।

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28 APR 2019 AT 20:33

होते रहे धर्म के नाम पर अत्याचार,
लुटती रही आबरु,होते रहे बलात्कार,
सोती रही अब तक रोमियो स्क्वाड वाली सरकार,
न जाने क्यों?
अब खूब दिख रहा प्रचार-प्रसार,
भीख माँगने गाड़ियों से,
चोरों का काफ़िला आज उन्नाव आया है,
कि लगता है यारों मेरे शहर में फिर चुनाव आया है।
#unnao_rape_case
#election_2019

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