...........लड़के बड़े मतलबी होते हैं.........
बचपन से बड़े होने तक माँ-बाप ने पाला,
हमारी पढ़ाई में कोई कमी न आए,
इसीलिए अपने सापनों को भूल,
हमारे लिए ही जीते हैं,
हम कहीं सो न जाएँ, वो भी आधी नींद सोते हैं,
12th केे बाद कोचिंग जाने के लिए हम बहुत आतुर होते हैं,
क्या करें हम लड़के बड़े मतलबी होते हैं|
ग्रेजुएशन केे बाद,
दूर शहर में थोड़ा किस्मत से लड़ना पड़ता है,
छोटे से कमरे में 4-5 लोगों को रहना पड़ता है,
होते हैं सब अंजान फिर भी दोस्त बन जाते हैं,
क्या करें हम लड़के बड़े मतलबी होते हैं |
पैरों पर खड़े होते ही,
माँ-बाप को भूल जाते हैं,
छुट्टी न मिलने का बहाना बना,
यूँ ही घर से दूर हो जाते हैं,
सबकी नज़रों में काफ़ी बदल जाते हैं,
शायद ही किसी ने सोचा की हम भी इंसान ही तो हैं,
घर की याद हमें भी सताती,माँ तेरे हाथ की रोटी अभी भी याद है आती,
पर खुल केे कुछ न कह पाते हैं,
हमारे अपने सपने नहीं होते,
हमें माँ-बाप के सपने पूरे करने होते हैं,
क्या करें साहब,
हम लड़के बड़े..........
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