कुछ देर से हमने समझा, क्यों ऐसा कहा करते हैंकि पानी और प्यार हरदम, नीचे को बहा करते हैं - जगत कांत
कुछ देर से हमने समझा, क्यों ऐसा कहा करते हैंकि पानी और प्यार हरदम, नीचे को बहा करते हैं
- जगत कांत