13 MAY 2018 AT 23:28

कैसे कह दूँ जाम का शौकीं नहीं
बस तेरी आँखों में वो मस्ती नहीं

क्या सुनाऊँ दास्तान ए जिन्दगी
इक कहानी सी है जो पूरी नहीं

साथ अकसर ये भी होता है मिरे
रो रहा हूँ आँख में पानी नहीं

इसमें शामिल है मेरी खुशियाँ सभी
मेरी क़ुरबत आप से रस्मी नहीं

हाल कोई तो मिरा पूछे यहाँ
गांव से आया हूँ मैं शहरी नहीं

होगी"जाबिर"इसकी कोई तो वजह
क्यूँ किसी से आपकी यारी नहीं

- Ayaaz saharanpuri