श्री बालाजी रोडलाइन्स
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वंदे गुरोः श्री चरणारविन्दम्।
ज्ञानं विना मुक्तिपदं लभ्यते गुरुभक्तितः |
गुरोः समानतो नान्यत् साधनं गुरुमार्गिणाम् ||
गुरुदेव के प्रति (अनन्य) भक्ति से ज्ञान के बिना भी मोक्षपद मिलता है | गुरु के मार्ग पर चलनेवालों के लिए गुरुदेव के समान अन्य कोई साधन नहीं है |-
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Office Address - श्री Balaji Roadlines - SBRL, Shop Number 3, Sharma Complex Near Kotma Tiraha Shahdol, Shahdol, MP 484001-
कुछ रखा जाएगा दिल में कुछ कहा भी जाएगा
देखकर उनकी खुशी को खुश रहा भी जाएगा
जब मिलेंगे दो नयन तब मौन का त्योहार होगा
मिलके भी बेचैन रहना फिर सहा भी जाएगा
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इस बात का तुमने मेरी क्या मतलब समझा,
मैंने तो बस ये बोला था अच्छी लगती हो।
इस सादगी का हीं श्रृंगार बहुत हैं घायल करने को,
बिना किसी श्रृंगार के भी तुम कितनी अच्छी लगती हो
इस दुनिया के सारे जेवर तुम्हारे रंग पे फीके हैं जानाँ,
चाँद भी खुद जलता हैं तुमसे इतनी अच्छी लगती हो।
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बदल जाती है जीवन की सच्चाई उस वक़्त जब कोई हमारा, हमारे ही सामने ...
हमारा नही रह जाता 😔😔 !!
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बदल जाती है जीवन की सच्चाई उस वक़्त जब कोई हमारा, हमारे ही सामने ...
हमारा नही रह जाता 😔😔 !!
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प्रेम के बदले प्रेम ही होगा ऐसा तो अनुबंध नहीं था
आती जाती भाव लहर पर कोई भी प्रतिबंध नहीं था
"शुभरात्रि "
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शुभम करोति कल्याणम, आरोग्यम धन संपदा,
शत्रु-बुद्धि विनाशाय: दीप: ज्योति नमोस्तुते।
अंधकार के प्रकाश पर विजय पर्व और ख़ुशियों के महापर्व दीपावली के पावन त्योहार की आप सभी को बहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएँ। हम सबके जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का समावेश हो।
🚩जय श्री राम🙏-
“विजयादशमी विजय का, पावन है त्यौहार।
जीत हो गयी सत्य की, झूठ गया है हार।।
रावण के जब बढ़ गये, भू पर अत्याचार।
लंका में जाकर उसे, दिया राम ने मार।।
विजयादशमी ने दिया, हम सबको उपहार।
अच्छाई के सामने, गयी बुराई हार।।
मनसा-वाता-कर्मणा, सत्य रहे भरपूर।
नेक नीति हो साथ में, बाधाएँ हों दूर।।
पुतलों के ही दहन का, बढ़ने लगा रिवाज।
मन का रावण आज तक, जला न सका समाज।।
राम-कृष्ण के नाम धर, करते गन्दे काम।
नवयुग में तो राम का, हुआ नाम बदनाम।।
आज धर्म की ओट में, होता पापाचार।
साधू-सन्यासी करें, बढ़-चढ़ कर व्यापार।।‘
आज भोग में लिप्त हैं, योगी और महन्त।
भोली जनता को यहाँ, भरमाते हैं सन्त।।
जब पहुँचे मझधार में, टूट गयी पतवार।
कैसे देश-समाज का, होगा बेड़ा पार।।”-