टूटने बिखरने की कोई फ़ितरत न रखो, ये तो आदत है आईने की..सीख लो दो लफ़्ज़ प्यार ऒ मुहब्बत के, फ़िर क़द्र करो उसके मायने की.. - © इश्क़ शर्मा प्यार से ✍
टूटने बिखरने की कोई फ़ितरत न रखो, ये तो आदत है आईने की..सीख लो दो लफ़्ज़ प्यार ऒ मुहब्बत के, फ़िर क़द्र करो उसके मायने की..
- © इश्क़ शर्मा प्यार से ✍