अफ़सुर्दा न कर निगाहों को तेरी,कि, कतरा कतरा गिरां है तेरा....जितना भी तुझपे किया है मैंने, कि,उतने ही का दिल तलबगार है मेरा...अफ़सुर्दा = उदासगिरां = अमूल्य - © इश्क़ शर्मा प्यार से ✍
अफ़सुर्दा न कर निगाहों को तेरी,कि, कतरा कतरा गिरां है तेरा....जितना भी तुझपे किया है मैंने, कि,उतने ही का दिल तलबगार है मेरा...अफ़सुर्दा = उदासगिरां = अमूल्य
- © इश्क़ शर्मा प्यार से ✍