आज दिल पत्थर-बेज़ान हुआ
खुद की किस्मत से हैरान हुआ
अंजान नही तेरी फ़ितरत से दिल
तेरे ख़्वाब देख दिल परेशान हुआ
बिखरा-बिखरा देख टूटा दिल
मिले अज़ाब से दिल वीरान हुआ
तूने मार दिया था बरसों पहले
जिंदा हूँ पर, घर सुनसान हुआ
बदल चश्म तू, पढ़ कभी मुझे
इश्क़, इंसानो में इंसान हुआ
तुझसे था क्या क्या कहना
बहुत कुछ तुझे दिखाना था,पर
क़ातिल नज़र तेरी देखकर आज
फिर से इश्क़ तेरा, बेज़ुबान हुआ

- © इश्क़ शर्मा प्यार से ✍