8 NOV 2017 AT 9:53

नमी बढ़ गई है नींव में
सीलन है जो बढ़ती ही जा रही
दीवारें कमज़ोर हो चलीं हैं
ढहने को हैं सब की सब
कोई नहीं पास,जो थाम सके इन्हें।

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