28 SEP 2017 AT 10:26

जो जितना बर्दाश्त करता है वो बस बर्दाश्त ही करता जाता है फिर चाहे वो स्त्री हो या पुरुष।
बर्दाश्त की सीमा पार हो जाने पर भी वो आवाज़ नही उठा पाता है अक्सर.....
और अगर कभी वो चिल्लाता है तो भी आदतन अपने ही अंदर !!!!

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