इश्क बिना ज़िंदगी का गुज़ारा हुआ है कब ये तड़प का ही रिश्ता हमारा हुआ है अब !! -
इश्क बिना ज़िंदगी का गुज़ारा हुआ है कब ये तड़प का ही रिश्ता हमारा हुआ है अब !!
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