नंगे पैर, नंगा बदन, नंगे हाथ
हाथो में है नंगी रेखाएँ सब
देख रहे है, मुझे नंगा
हुकूमत ने कुछ चाह
मेरा बदन नंगा हो गया
जमाने ने जब कुछ चाह
मेरा मन नंगा हो गया
ये अनपढ़, जाहिल
गवार अपने घर की
टूटी-फूटी चौखट के
ऊपर का रोशनदान
हो गया, हो गया,,,
- क्रांतिकारी,,,