मेरे शहर की फिजाओं में ये हसीन सी रंगत कैसी,लगता है ये मदहोश हवा आज फिर से उन्हें छू कर आई है ।। - कुमार हेमंत
मेरे शहर की फिजाओं में ये हसीन सी रंगत कैसी,लगता है ये मदहोश हवा आज फिर से उन्हें छू कर आई है ।।
- कुमार हेमंत