ये आंखें अक्सर बयां करती हैं
अधूरे नींद , अधूरे ख्वाब ,अधूरे इंसान
और उसके संघर्ष की कहानी को ।।
ये हाथ बयां करती है
इंसान की वर्तमान कार्यशैली को
और उस उम्मीद की हस्त-रेखा को
जिस ओर इंसान बार बार देखता है जिससे
जीवन सुगम व सरल बनाया जा सके ।।
ये पेट है जिसमें भूख है
और जो मजबूर करती है, संघर्ष से लड़ने को
जो इंसान के समुचित जीवन की क्रिया-कलाप है।।
ये पाँव ,जिसपे इंसान जीवन के इस समर में
आखिरी दम तक खड़ा रहता है ,
और आखिरी दम तक आगे जाने की होड़ में
दौड़ता...दौड़ता...और दौड़ता ही रहता है।।
-