ये जो ठेकेदार बने बैठे है भगवानों कें,
मूर्तियां जो बोल उठे ,बटवारे कर दे हज़ारो के ,
जो दुआ को बोले हां ,तो मेरा ,
जो बोले ना तो ,हो किसी शूद्र का ही नही,
मौन तो रहकर इंसान भी पूजा जाता है ,
अब बोलने वाला कहा किसी को समझ आता है,
तब तक ही पूजेगी ये दुनिया भगवान ,
जब तक वो नज़र नहीं आता है
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