मांगने मंदिर में हम मोहब्बत की दुआ निकलें ,अहसास हुआ तभी हमें की वोराधा-कृष्ण तो खुद ही मोहब्बत में जुदा निकलें,जुदा होके भी एक ही हैं दोनोंआखिर वो खुदा जो निकलें।। - हर्षिता की कलम
मांगने मंदिर में हम मोहब्बत की दुआ निकलें ,अहसास हुआ तभी हमें की वोराधा-कृष्ण तो खुद ही मोहब्बत में जुदा निकलें,जुदा होके भी एक ही हैं दोनोंआखिर वो खुदा जो निकलें।।
- हर्षिता की कलम