11 APR 2018 AT 7:32

झुको कही तो इतना मत झुकना की कमर टूट जाए,
और झुकाओ किसी को तो इतना मत झुका देना की
उसे देखने के लिए खुद तुम्हे अपनी ही नज़रें झुकानी पड़े।।

- हर्षिता की कलम