3 APR 2018 AT 13:52

चलो आज हम मुस्कुराते हैं ,सारे दुखों को पीठ दिखाते हैं
अगर नही बदला है कुछ ,तो कायरों की भाँती हम भी हाथ मीजने बैठ जाते है।

- हर्षिता की कलम