आज वो भाग रहा है रफ़्तार से ,कल उसे दौलत और भगाएगीजैसे जैसे रफ़्तार बढ़ेगी,वो उससे उसका सब कुछ निगलती जायेगी। - हर्षिता की कलम
आज वो भाग रहा है रफ़्तार से ,कल उसे दौलत और भगाएगीजैसे जैसे रफ़्तार बढ़ेगी,वो उससे उसका सब कुछ निगलती जायेगी।
- हर्षिता की कलम