Harshal Chandratre HR   (ShayaR HR)
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Joined 3 August 2017


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Joined 3 August 2017

किताब का खूबसूरत पन्ना लिख देता हूं,
आओ चलो मैं तुम्हारा जिक्र कर देता हूं ।

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12 APR AT 23:27

आंखों में तेरी झलक रहा था मैं,
फिर जिक्र शब्दों से करते क्या ?

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7 APR AT 23:30

ये किस्मत पे चर्चा क्या हुई महफ़िल में,
आईना आप का चेहरा बनाता चला गया ।

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28 MAR AT 20:46

कर के भी कुछ ना पाए,
वो चाहे जो हो ना पाए ।

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8 FEB AT 22:06

किस्से अब कहानी हो गई,
मोहब्बत अब इबादत हो गई ।

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7 FEB AT 22:15

रोज धनिया ले आते हैं उनके लिए,
फिर रोज़ डे से मोह रखते क्या ?

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5 FEB AT 11:09

महीनों बाद लिखने क्या बैठे,
खुशी से पहले गम आ बैठे ।

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5 FEB AT 8:57

घाव तो शब्दो ने किए थे,
फिर हथियारों से बैर कैसा ?

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31 JAN AT 18:25

खुद से उलझना पड़ता हैं,
सब कुछ सुलझाने के लिए ।

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22 NOV 2023 AT 21:38

हर रिश्ते को निभाना सीख रहा हूं,
मैं खुद में अब आपको ढूंढ रहा हूं ।

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