Harsh Gupta   (Harsh gupta)
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Writes poem & short write-ups❤ loves reading books and basically a obfuscated mind. :')
Joined 19 February 2017


Writes poem & short write-ups❤ loves reading books and basically a obfuscated mind. :')
Joined 19 February 2017
13 DEC 2022 AT 21:10

चार दिन गायब होकर देख लीजिए
लोग आपका नाम भूल जाएंगे....
इंसान सारी जिंदगी इस धोखे में रहता हैं
की वह लोगों के लिए अहम हैं....
लेकिन हकीकत यह होती हैं
कि आपके होने या ना होने से
किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता...
जिसकी जितनी जरूरत होती हैं
उसकी उतनी ही अहमियत होती हैं...
न रुकी वक़्त की गर्दिश,
न जमाना बदला,
पेड़ सूखा तो परिंदो ने ठिकाना बदला !

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13 JUL 2022 AT 22:47

कहने को तो मै सबका हूँ, पर शायद किसी का खास नही ।
वैसे तो सभी मेरे अपने है, पर मेरा अपना ही कोई नही।।

होती सब से बाते है, होती सब से मुलाकाते है
मै भी हूँ सबके साथ मे, पर शायद किसी को याद भी नही ।।

दोस्तो और यारो से घिरा हुआ मै, कोई पहला बंदा तो नही
सब कह देते है अपनी, और मेरी समझता कोई नही ।।

मै रहूँ या ना रहूँ, शायद किसी को कोई फर्क नही
सब मस्त होते है आपस मे, क्योंकि मै किसी का खास तो नही ।।

फिर भी शिकायत नही किसी से, क्योंकि मै बुरा मानता नही
मै जो है जैसे है सभी अच्छे है, क्योंकि रिश्तो मे कोई शर्त तो नही।।

©हर्ष_गुप्ता

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27 DEC 2021 AT 0:35

पुराने संगीत में बसे ठेहराव सी है वो,
जब भी गुफतगु होती है, सकुन सी लगती है,
परे है कहीं, दूर फिर भी दिल के पास,
वो नदिया की शांत सी धारा है मानो,
मैं किनारे की तलाश में मुसाफिर,
ये सफर है, सुनो तो गज़ल, ना सुनो तो बसर है !

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1 DEC 2021 AT 22:49

"बहुत करीब से देखा है तुम्हें,
तुम खौफ के बाद का सुकून हो,
तुम हो मेरी, कोई शक नहीं,
मिट्टी जिस्म का तुम जुनून हो ।

तुम्हें गोद कहूँ उस खुदा की मैं,
या कहूँ तुम्हें तकदीर नयी,
चेहरा हूं मैं ही तो आखिर,
तुम हो मेरी तस्वीर नयी ।

रुकने को कहु, अपनाओगी?
या तुम भी दूर चली जाओगी,
चाहत हो पर साँसें मजबूरी हैं,
कुछ फ़र्ज़ निभाने ज़रूरी हैं,
कुछ कर्ज़ चुकाने ज़रूरी हैं । "

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28 OCT 2021 AT 22:40

किस्मत खुद से नहीं चमकेगी,,
बेजोड़ दम लगाना होगा !!
नहीं बैठना होगा थककर,
बस चलते जाना होगा !!
ये कहना गलत होगा,
मेरी तो किस्मत बेकार है !!
किस्मत को दोष देना ही,
तेरी सबसे पहली हार है !!

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19 AUG 2021 AT 20:15

कुछ पन्ने कोरे रह गए ज़िंदगी में तुम्हारी,
चलो मैं उन पन्नों का हिसाब बन जाता हूँ,
अगर दिल में रखने का करती हो वादा,
तो चलो मैं तुम्हारी एक किताब बन जाता हूँ,
तुम पढ़ना मुझे, मुस्कुराना खिलखिला कर,
चलो तुम्हारे सवालों का जवाब बन जाता हूँ,
हकीकत ना सही पर सोचना ज़रूर मुझे,
तो चलो मैं तुम्हारा एक ख्वाब बन जाता हूँ
🐰❤️🐼

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9 AUG 2021 AT 22:17

परिस्थितियां बदलेंगी,
जरूर बदलेंगी
तुम अपना,
नजरिया बदलना !!

एक वक्त आएगा ऐसा,
बस तुम ही तुम होंगे
जैसे हो वैसे रहना,
खुद को न बदलना !!

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9 AUG 2021 AT 22:13

“संघर्ष इंसान को मजबूत बनाता है,
कमजोर शरीर नहीं सोच होती है !!”🌸❤️

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18 JUN 2021 AT 20:50

बहुत खूबसूरत है ये जिंदगी
तु मुस्कुरा के तो देख
रोज लाती है बहाना जीने का
एक बार सर उठा के तो देख ❤️

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16 JUN 2021 AT 23:06

सोचने से कहा मिलता है, तमन्नाओं का शहर..
चलना भी ज़रूरी है, मन्ज़िल को पाने के लिए..

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