Harsh ARNAV   (HARSH)
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Joined 13 March 2018


Joined 13 March 2018
10 MAY 2020 AT 1:10

दुनिया की सारी तकलीफ,
जिसके गोद में सर रख तुम भूल जाओ,
वो माँ।
दुनिया की सारी खुशी,
जिसकी खुशी में तुम पाओ,
वो माँ।
दुनिया की सारी दौलत,
जिसके सामने छोटी,
वो माँ।
दुनिया की सारी संताने,
जिसके लिए है जान,
वो माँ।

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10 MAY 2020 AT 1:00

दुनिया की सारी तकलीफ,
जिसके गोद में सर रख तुम भूल जाओ,
वो माँ।
दुनिया की सारी खुशी,
जिसकी खुशी में तुम पाओ,
वो माँ।
दुनिया की सारी दौलत,
जिसके सामने छोटी,
वो माँ।
दुनिया की सारी संताने,
जिसके लिए है जान,
वो माँ।

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29 APR 2020 AT 13:45

आज हमने एक इंसान खोया है,
सब के दिलों की जान खोया है,
आज फिर हमने इरफान खोया है।
ए ईश्वर लौटा दे हमे वो सितारा,
जिसे खो के हमने पुरा जहान खोया है।
जिसके चले जाने पे पुरा हिंदुस्तान रोया है।

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26 APR 2020 AT 20:46

वो आठ तो जान हैं,
वही आठ तो शान हैं।
जब भी मुसीबत है कोई आई तब साथ लड़ें हैं सब,
जब भी दिक्कत है कोई आई साथ अडें हैं सब
जब सब साथ हैं तो क्या बात है,
जब कोई एक साथ नहीं तो कुछ खाली सा एहसास है।
लड़ते हैं , झगड़ते हैं
प्यार सभी एक दूसरे से करते हैं।
जब आती चोट किसी एक को,
दर्द महसूस करते सभी करते हैं।
वो आठ जब साथ तो तकलीफ कैसी,
वो आठ जब आठ तो तकलीफ कैसी।




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24 APR 2020 AT 13:34

तु उठ, तु लड़, तु लौट उसे हराकर
जिंदगी के हर दर्द को तु स्वीकार कर
वो एक दिन देगी तुझे हर वो खुशी
जिसका तु हक़दार है
एक बार उठ कर प्रयास तो कर
उसके हर दिए दर्द को स्वीकार तो कर
उसके हर दिए दर्द को स्वीकार तो कर

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24 APR 2020 AT 13:24

सपने देखते देखते यह कहाँ आ गए,
मंजिलों को तो हम यूँ ही भुल गये।
फिर मंजिलों की तलाश में जो निकले हम,
तो यादें बनाना भुल गए।
यादों की खोज को निकले हम
तो ख्वाहिशों हम यूँ भुल गए।
जब निकले दोबारा इन सबों की तलाश में,
तो हम जिंदगी जीना भुल गए,
तो हम जिंदगी जीना भुल गए।

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14 FEB 2019 AT 22:58

अफीम की तरह थी उसकी बातें,
जितना नशा देती थी,
उतना तबाह भी करती थी
-अमनदीप

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24 OCT 2018 AT 23:51

To win against your fear

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4 SEP 2018 AT 15:40

सपने देखते देखते ये हम कहाँ आ गए,
मंजिलों को यूँ हम भूल गए.....
मंजिलों की तालाश करने फिर इस कदर निकले हम,
यादें बनाना हैं हम भूल गए.....
जब यादें बनाने निकले तो,
खवईशें पूरी करना भूल गए।
इन सब को पूरा करने के लिए ,
हम आपने आप को ही भूल गए।
हम अपने आप को ही भूल गए।

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17 AUG 2018 AT 22:47

मंजिलों की तलाश में यूं ना भटक राही,
मंजिलों को तोह वक दिन मिल हैं जाना है।
रास्तों की कदर करो,
उन्हीं पर चल कर वहां जाना है।
उन रास्तों की यादों को समेट कर रखना है,
उन यादों से ही मंजिलों को खूबसूरत बनाना है।
उन यादों से ही मंजिलों को खूबसूरत बनाना है।

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