उनकी बस इक झलक का असर देखिए,
दिल के साग़र में कैसी लहर देखिए।
इधर देखिए या उधर देखिए,
हर तरफ उनका जलवा जिधर देखिए।
मेरी आंखों की वीरानगी ये कहे,
आइये उजड़े से कुछ शहर देखिए।
जो हुनरमंद हैं उनकी सूरत का क्या,
उनके हाथों में क्या है हुनर देखिए।
वक़्ते रुख़सत है अब देखना क्या बुरा,
चाहे दुश्मन ही अब मानकर देखिए।
इस ज़माने में है झूठ का दबदबा,
सच भटकता है अब दर-ब-दर देखिए।
मेरी सूरत में क्या है, उसे छोड़िए,
मेरा दिल देखिए और जिगर देखिए।
उनके जाने का है जाने कैसा असर,
ज़िंदगी अब गई है ठहर देखिए।
जीतने से भी ज़्यादा मज़े हैं,अजी,
ज़िंदगी में कभी हारकर देखिए।
©हरेन्द्र सिन्हा 'राज'
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