28 JUN 2017 AT 22:12

ऐसे भी कुछ लुफ़्त उठाया
हमने अबकी बारिश का,
बूंदें तो थी जिस्म पे उसके
मैं उसकी रूह में भींग रहा था ।।

- हंस राज