ऐसे भी कुछ लुफ़्त उठायाहमने अबकी बारिश का,बूंदें तो थी जिस्म पे उसकेमैं उसकी रूह में भींग रहा था ।। - हंस राज
ऐसे भी कुछ लुफ़्त उठायाहमने अबकी बारिश का,बूंदें तो थी जिस्म पे उसकेमैं उसकी रूह में भींग रहा था ।।
- हंस राज