Andaz-e-bayan of Gyanu✍️   (Gyanu!!!)
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Joined 17 January 2018


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4 AUG 2022 AT 14:28

कोई दर्द का दरिया है उसके सीने में शायद
यही वज़ह ही कि वो आग उगलता रहता है

वो पत्थर है पत्थर दिल नहीं
औरों के लिए चोट सहता है,
हर "शब" तस्वीरों में "जाग" ढलता रहता है ...

बदलता रहता है....

Full poetry in the caption below....

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4 AUG 2022 AT 8:33

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1 AUG 2022 AT 17:16

कई दफा चाहा कि जाहिर कर दूं उसे कि जिसकी चाहत है,
उसमें वो हर एक आदत है
मगर
हर दूसरी दफा ज़माने सा होके मिला वो .....

खुदा जाने कोई मजबूरी थी उसकी या वो खुद खुदा होना चाहता था
वो चाहता था कि में खुश रहूं हमेशा या मुझसे जुदा होना चाहता है...

बहरहाल बात जो भी हो...
जब भी मुश्किलें आईं बहुत सादगी से हल बताया उसने
बस दुख है कि न कभी दोस्त माना ना अपनो वाला हक़ जताया उसने

वो ही जज था हमारे बीच दलीलें भी वही पेश करता था
फिक्र तो करता था शायद वो भी हमारी भले ही कमोबेश करता था

बस उसके सामने इज़हार ए जज़्बात ना कर पाने का दे गया गिला वो
हर दूसरी दफा...

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23 APR 2022 AT 4:27

कुछ रिश्तों में सिर्फ बक बक होती है,
कोई हक नहीं
और बिना हक के रिश्ते
अक्सर "टूट कर" बिखेर देते हैं सब कुछ इसमें कोई शक नहीं ....

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21 APR 2022 AT 5:20

सुनो, बस अब ख़ामोश रह जाओ
और मत बिखेरो कुछ अपने लफ्ज़ों से
जाना है तो चुप चाप जाओ
बस ख़ामोश रह....जाओ....

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21 APR 2022 AT 4:28

तुम्हारा प्यार,
जैसे भारत में ब्रिटिश सरकार
पहले मरहम
फिर अत्याचार...

तुमने तो बातों बातों में बदल दिया
मेरे सपनों का भूगोल
मेरे अंतर्मन का संसार
तुम्हारा प्यार
जैसे भारत में ब्रिटिश सरकार...

Full in the caption below...

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21 APR 2022 AT 4:09

एक वादा करो,
कि अब कोई वादा नहीं करोगे
मेरे दिल में घर करके
फिर दर्द देने का इरादा नहीं करोगे
वादा करो....

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21 APR 2022 AT 3:35

मुझे पता नहीं था कि तुम ऐसे थे,
मुझे तो लगा था मेरे थे मेरे जैसे थे
शायद,
शायद कोई गलतफहमी थी वो
या फिर तुम ही जताना नहीं चाहते थे
तुम जैसे थे....

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21 APR 2022 AT 3:25

तुम चले क्यूं नहीं जाते
दूर जाने के बाद
और क्या चाहते हो
मेरी हिम्मत को आजमाने के बाद
अच्छी खासी खिलखिलाती थीं ये आंखें
अब तो चले जाओ इन्हें भिगाने के बाद
और क्या चाहते हो...????

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21 APR 2022 AT 3:09

मैंने बारहा लिखा है,
मिटाया है तुम्हारे अक्स को
अपने दिल की सलेट से
क्यूंकि, मैं समझती हूं
तुम भी सबसे हो....

कभी तुम्हारा अंतर्मन तुम्हें नहीं कचोटता,
ये कहते हुए कि...
कि कुछ बहुत गलत किया है
तुमने किसी मासूम को दर्द देकर
कभी तुम्हारा दिल खड़ा नहीं हो जाता है
तुम्हारे सामने सवालों के बड़े बड़े पोटले लेकर
शायद नहीं ही होता होगा
और अगर होता भी हो ऐसा कभी
तो तुम सब दफन कर देते होगे
अपनी मनमानी की कब्र में
क्यूंकि, तुम भी सबसे हो....

क्यूं....क्यूं तुम भी सबसे हो ????

Full poetry in the caption below...

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