कुछ लोगों को बनारस में उनका प्यार मिलता है तो
कुछ लोगों को बनारस से प्यार हो जाता है-
मैं किसी किताब में लिखी एक छोटी सी ख्वाब हुं जिसको ... read more
जिंदगी में कुछ आम होते हैं,तो कुछ खास होते हैं
कुछ लोग आपको नीचे गिराने की कोशिश करते हैं
तो कुछ की वजहों से आपकी जिंदगी सबसे अनमोल बन जाती है
नफरत की वजह तो बहुत है
लेकिन मोहब्बत की वजह कुछ खास होते हैं
आँसु की वजह तो बहुत है
लेकिन मुस्कान की वजह कुछ खास होते हैं
जिंदगी एक सफर है, जिसमें शुरूआत भले ही अच्छा ना हो
लेकिन अंत हमेशा अच्छा होता है-
Relatives- बेटा तुम कुछ बोल क्यों नही रही हो?
कुछ बात तो करो हमारे साथ
Me- अब बोलूँगी तो बोलोगे की बोलती है😏-
बस उस बक्त का इंतजार है, जब मेरे आँखों में तुम्हारे चेहरे के साथ साथ खुशी के आँसु होगा
तुम खुद मेरे सामने होगे और दिल में सुकून होगा
ना जाने का मन होगा और ना ही कुछ और देखने का होगा
बस ये बक्त यंही ठहर जाए ये हमारी तमन्ना होगा
क्यों की बनारस इश्क़ है हमारा-
तुम गंगा की तरह प्यार करो तो सही
मैं बनारस के हवा की तरह तुम्हारे प्यार में महकती फिरुँगी
तुम एक बार मेरे साथ घाट के आरती देखो तो सही
मैं मणिकर्णिका में तुम्हारे साथ जलना चाहूँगी-
स्वाभिमान-
मिट्टी की शरीर मिट्टी में मिल जाता है
लेकिन इंसान का स्वाभिमान फिर भी जिन्दा रहता है
जब जुर्म के खिलाफ अंदर से आवाज आता है
तो ये स्वाभिमान कहलाता है
इसे ना समझ तु अभिमान
क्यों की ये है इंसान का गहना स्वाभिमान
कण से शुरू कण पे खतम
ये परीक्षा ही है संसार का नियम
क्या हार क्या जीत
ये आपका चेष्टा तय करता है
और स्वाभिमान के बिना मनुष्य जिन्दा लाश कहलाता है-
इंसान को जिन्दा जला दे,यही है जिंदगी
इंसान को तोड मरोड़ कर आधी रास्ते पे अधूरा छोड़ दे,यही है जिंदगी
भले ही इंसान अपने भीतर दर्द लिए लिए बैठा हो लेकिन सामने सक्त बताता है,यही है जिंदगी
परायों से ज्यादा अपनों से ठुकराया जाना ,यही है जिंदगी
खुद के सपनों को पुरा करने से ज्यादा उस सपनों को देखने के लिए समाज के तानों का संघर्ष करना,यही है जिंदगी
आँखों में आँसु लिए होठों पे मुस्कान बिखेरना,यही है जिंदगी-
स्वाभिमान-
ख्वाइशें को तोडा गया और सपनों को कुचला गया है
उस बक्त सिर्फ़ टूटी नही बल्कि टुट कर बिखरी भी हूं
लेकिन मैने खुद को समेटा और संभाला भी
उन हर छोटी सोच को तोडा जो मेरे रास्ते में दीवार बनकर खड़े थे और इस सोच को तोड़ने में मुझे परायों से ज्यादा अपनों से लड़ना पड़ा,
उस बक्त लगता था जैसे सारा दुनियां मेरे खिलाप हो
तब जा कर ये स्वाभिमान आये है
ये जिंदगी है मेरे भाई यंहा खुद के लिए खुद से ही लड़ना पड़ता है-