Guriya Anuradha Pandey   (Anuradha Pandey.)
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Joined 25 January 2018


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Joined 25 January 2018
22 MAR AT 20:51

उसने कहा तुम फूल हो
मैंने कहा,ऊँहू
फूल मुर्झा जाते हैं
फिर,शायद काँटे .....
नहीं,मैंने जोर देते हुये बोला
वो चुभ जाते हैं ।
फिर.....
तुम्ही बताओ
मै हंसते हुए बोली
इत्र हूँ,गर बिखर जाये
जमीं से आसमां तक
महक उठता है ।


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24 FEB AT 23:19

सफलता तेरे पग -पग हो ,
धूल-धूसरित न कोई मग हो ,
जिधर चल पड़ो रस्ता बन जाये -
जहाँ में तुम्हारा नित वन्दन हो।

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22 FEB AT 10:31

करो मजबूत ये कंधे पंख इनको बनाना है ,
छीन ले आँख से नींदे वही सपना सजाना है ,
हौसला टूट ये सकता नहीं तूफान के आगे -
सफलता चूम ले पग को वही आधार पाना है ।

शुभकामनाएं मेरी प्यारी बिटिया

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30 AUG 2023 AT 13:09

राखी का त्यौहार है भैया
खुशियों दिल में अपार, है भैया ,
स्नेह तुम्हारा बना रहे -
बस यही एक ख्याल है भैया।।

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20 AUG 2023 AT 16:37

न आदि
न अंत
वो तो है दिगन्त
श्रेष्ठ भी
श्रष्टा भी
सर्वत्र ब्रम्हाण्ड
का द्रष्टा भी।

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10 JUL 2023 AT 16:51

रिश्तों में उछाल यहाँ
सब कुछ छिछलेदार यहाँ ।
इज्ज़त तेरी मेरी है
शाम बड़ी घनेरी है ।।

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15 FEB 2023 AT 23:14

आम्र मंजरी बनी पाग
देखो सखी आया फाग
धरती ने ली अंगड़ाइ
चंहुओर फैली अंगनाई,
करना न तुम कोई भूल
कि जीवन भर चुभता
रहे शूल ।
धूल धूसरित गली चौबारा
आंखों में रेणु है सारा ।

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2 FEB 2023 AT 17:00

मिलता नहीं सकूं ऐ ज़िन्दगी
कैसे करूँ तुम्हारा वज़ू ऐ ज़िन्दगी ।।

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29 JAN 2023 AT 23:40

आओगे जब तुम अंगना साजन
मिलूंगी मैं बौरायी
घर रीता और
गलियां सूनी
तुम बिन चले न ,पुरवाई
आओगे जब ----------
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काटी कितनी रातें तुम बिन
घूमूं लिये परछाई
सांवरे तेरे एक दरस को
जनम -मरण के खेल बीच लपटाई।

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16 JAN 2023 AT 20:20

मधुर-मधुर ये ताल है
जिंदगी सवाल है
बस एक ख़्याल है तुम्हारा ,
गिर के उठ रहे हैं आज़
फ़िर भी कर रहे हैं नाज़
तुम पर ,
गरज रहे हैं बादल
उड़ रहा है आँचल
सनम ये हमारा।
बस एक ख़्याल है
तुम्हारा ।

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