13 NOV 2017 AT 0:06

उनका साथ होता तो यूँ बेरंग ये शाम न होती,
शायद फ़िर इतनी कोशिशें नाकाम न होती,
बस उतनी ही उम्र थी उस रिश्ते की,
जो होता ताउम्र तो, ख़ुद को अपनी पहचान न होती...

- G.V