Girish Chauhan   (Girish Rhymes)
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writing is my passion❤

#free_writing_quotes_poetry 📰📝
wish me on 2nd May..🎂🎉🎈
Joined 12 October 2017


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26 NOV 2020 AT 19:56

चलो इक अरसे बाद फिर मुक्क्मल होते हैं।
मैं लिखता हूं कोई नज़्म और साथ गुनगुनाते हैं।।

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25 MAY 2020 AT 0:16

वो हदों में ही सही, सरहद भी लाघेंगे जरूर
आप हवाबाजी करो, वो ना समझेंगे हजूर

पांव खायेगी जमीन, जब पेट काटेगा गुरूर
खुद ब खुद ही सुस्त होकर, लौट आएंगे मजदूर

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19 MAY 2020 AT 17:41

Girish Rhymes©

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10 MAY 2020 AT 12:41

हम करते शैतानी
तुम आंख दिखाती।
हम रोते..
तुम लाड़ जताती।

खातिर हमारी तुम सब कर जाती
माँ.. तुम खुद को भी भूल जाती।

तेरी डांट भी प्यारी लगती
तेरी मार हमें ना खलती।
हम घबराते, तुम सहलाती
नींद भी तेरी गोद में आती।

माँ हम कितने भी बड़े हो जाएं
कान हमारे खींचते रहना।
खुशियां सारी तुमसे ही हैं,
खुद को कहीं तुम भूल ना जाना।

माँ.. तुम यूं ही हमेशा मुस्कराते रहना।

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16 MAR 2020 AT 23:51

I'm not a coffee guy,
That's Why,
I keep my simplicity as warm as chai.

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24 FEB 2020 AT 22:25




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20 OCT 2019 AT 9:43

ओ रे बचपन... कहाँ छिपा तू।
खोया किस दुनियादारी में
आज भी तुझको ढूंढ़ रहे हम
दादी की अलमारी में।

खोली जब अलमारी तो
कुछ किस्सों ने हमको घेर लिया
रोते-हँसते किस्सों ने जाने क्यों मुंह फेर दिया।

फिर बोला इक किस्सा मुझसे
ढूंढ़ रहे हो क्या तुम भाये
कहाँ रहे तुम अबतक
और कैसे इतने साल बिताये।

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29 JUN 2019 AT 9:56

कुछ चहरे जो हमें रोज दिखते हैं
हम जानते तो हैं उन्हें
पर फिर भी अजनबी होते हैं।

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16 JUN 2019 AT 7:56

हम नुक्स ढूंढ़ते रहे उनमें
जो हमें अपना अक्स मान बैठै थे।

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14 JUN 2019 AT 20:39

अब किसे आरजू तेरे शहऱ में बस जाने की है।
फ़ना दिन रात किये यहाँ, अब हसरत घर जाने की है।

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