मैं भरी बस का मुसाफ़िर सा हूँ तो,वो खिड़की से आती ठंडी हवा सी है। - गिरीश आर्य:|Girish Aryah
मैं भरी बस का मुसाफ़िर सा हूँ तो,वो खिड़की से आती ठंडी हवा सी है।
- गिरीश आर्य:|Girish Aryah