Gautam Ranjan   (Gaudeep)
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Joined 24 December 2017


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18 AUG 2020 AT 16:14

अब तो आइने भी सच छिपाने लगे है,
यह बात समझने में हमें जमाने लगे है !
हम जुगनुओं की ख़ातिर मरते रहे रोज़,
लोग सूरज के साथ मिलकर घर बनाने लगे है ।

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31 MAY 2020 AT 14:12

मेरे शब्द बर्फ जैसे ठोस हो चुके है
जिन्हें सही आकार देने में असमर्थता
सा महसूस हो रहा ।
तुम्हारी आहट मात्र से पिघल कर
जल जैसे तरल हो जाते है हर शब्द ।
इस क्षण तुम नही हो मेरे पास
नाही तुम्हारी आहट है कही पर ।

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29 MAY 2020 AT 15:39

तुम्हारे होने मात्र से शब्द तैरने
लगते है हवा में खुशबू की तरह ।

आज जब तुम नही हो तो सब
व्यर्थ सा प्रतीत होता है ।

इच्छा के विरुद्ध की जाने वाली
ये प्रतीक्षा ही हमारे प्रेम का साक्ष्य है ।
मैं तुम्हारे आने की प्रतीक्षा करूँगा ।

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20 MAY 2020 AT 2:34

Persuading the mind is
more difficult than
persuading a child.

Against the will of the
brain, this mindless
mind keeps weaving
new stories in its
imaginations.

When everything ends,
there remains an
invisible series of
fantasies.

I can't touch you even in
my imaginations without
your permission.

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13 APR 2020 AT 2:21

हमारा प्रेम दो पुष्पों का मेल था
हम साथ मुरझाते तो अच्छा होता !
नियति ने हमसे हमारा प्रेम नहीं
हमारे संगृहित शोक को छिन लिया!

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28 MAR 2020 AT 3:12

कुछ बात बिना बोले भी
निभानी पड़ती है !
कुछ ख्वाइशों को दिल मे
ही छुपानी पड़ती है !
हर इश्क़ में मुमकिन नही
होता मिलना !
कुछ इश्क़ बिना मुलाकातों
के भी निभानी पड़ती है !

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16 MAR 2020 AT 20:34

तुम जम चुकी हो बर्फ की तरह
मेरे मन में
जिसे मैं हर रात कविताओ और
शायरी की
गर्म आंच में पिघलाता रहता हूं
बेशक़ तुम पिघल के मिल जाती हो
हमारे ख्वाबो में
जैसे दो नदिया मिल जाती है किसी
संगम पर
और हम एक हो जाते है
और ये सिलसिला यूँ ही चलता रहता है
और चलता जाएगा शायद
उम्र भर तक ।

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14 MAR 2020 AT 13:39

जिसको इश्क़ हो जाये भला कैसे वो सोयेगा ,
कभी मुस्कुराएगा छुप - छुप , कभी तकिया भिगोयेगा !
बड़ी नादान हो तुम तो जरा समझा करो बातें,
गले मिल कर जो रोता था,बिछड़ के कितना रोयेगा !

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2 FEB 2020 AT 11:25

It is not necessary to get you,
It is necessary to lose you.
your increased so much infidelity,
It is important to erase yourself.

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13 JAN 2020 AT 12:09

हम तब तक सफर में रहेंगे
जब तक पराये शहर में रहेंगे।
तुम सुने रास्तो को भी तकते रहना
हम हरदम तुम्हारी नज़र में रहेंगे ।
अगर हम आशिक़ नही भी रहे
पर तय है कि इश्क़ के असर में रहेंगे।

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