उसकी लम्बी लम्बी बेवजह की बहसों के पीछे ,छिपी हैं बहुत सी अनकही बातें !कुछ भी पूछने पर होठों पे आने वाली हसी के पीछे ,दबी हैं कहीं ढेरों कड़वी यादें ।खुद ही खुद कब्रगाह है वो खुद की खुशियों !दफ्न है वहां कई काली रातें । - बेपनाह
उसकी लम्बी लम्बी बेवजह की बहसों के पीछे ,छिपी हैं बहुत सी अनकही बातें !कुछ भी पूछने पर होठों पे आने वाली हसी के पीछे ,दबी हैं कहीं ढेरों कड़वी यादें ।खुद ही खुद कब्रगाह है वो खुद की खुशियों !दफ्न है वहां कई काली रातें ।
- बेपनाह