19 AUG 2017 AT 12:22

आज सालों बाद
उसने याद किया
बोली कुछ पुरानी कवितायें भेज दो
मैंने मुरझाई यादों पे
गुनगुना पानी छिड़का
कुछ पुराने किस्से सुनाये
मैं बोलता रहा
और वो सुनती रही
फिर अचानक उकता के बोली
रहने दो
पुरानी कविता भेजनी थी
तुम तो नयी बनाने लगे...

- Gaurav Sharma