वक़्त ने कुछ ऐसा फासा फेंक की हम हैरां रह गए,
बस दुनिया बदलती गयी और हम उसे देखते रह गए।
हर तरह का रंग दिखाया इस दुनिया ने हमे,
सबने तारीफ के फूल तो बोहोत बरसाए,
पर कोई मेरे अंदर का दर्द जान न सके।
कोई पुराना चला गया तो कोई नया मेरे ज़िन्दगी मैं आया,
जो चले गए उनको मैं अलविदा कह दिया,
जो नए आये उनको मैं गलेसे लगा लिया।
क्योकि नाही किसीके चले जाने का मुझे गम था,
और नाही किसी नए के आने का सुख था।
अब सब कुछ मैं भी भूल चुका था,
जो मुझे अपना रहे थे उन्हें मैं अपना रहा था,
क्योकि इस बदलते दुनिया के साथ मैंने खुदको भी बदलना शुरू कर दिया था।
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