Gaurav Pandey   (gaurav)
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Joined 20 March 2018


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Joined 20 March 2018
1 JAN 2023 AT 17:22

नव वर्ष तारुण्य से अलंकृत
समाविष्ट हो निज जीवन में
सब हों सुखी सब स्वस्थ रहें
ईश की सेवा में नित ध्यान रहे
आशीर्वाद मिले बड़ों का हमें
अनुजों का भी प्यार मिले
कर्तव्यों को मिले समर्पण
और अकर्ता का भाव रहे

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26 OCT 2022 AT 1:08

कुछ तो हुआ है मुझे
मुझे रातों को नींद नहीं आती
एक अजीब सी बेचैनी बसती है सांसों में
और कोई मंजिल नजर नहीं आती

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20 OCT 2022 AT 23:32

ये उलझे उलझे केशु इन्हें लाख तुम संवारो
मेरे हाथों से संवरते तो कुछ और बात होती

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14 SEP 2022 AT 23:59

गम के लाखों खिलौने बिक रहे बाजार में
खुशी की एक गुड़िया भी मयस्सर नहीं है

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10 SEP 2022 AT 0:23

तेरे दीदार को व्याकुल ये तन है ये मन है
ऐ काश की तू मुझे पंख दे देता खुदा
अगर मेरा करम मुकम्मल है, मानता तुझे खुदा
जो आज तू मुझे उससे जुदा न होने देता
ये रात गुजारनी है मुझे उसकी गोद में सर रखे
बदले में तू चाहे मुझे किसी उजाड़ मस्जिद की ईंट
की क्यों न बना दे।

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8 SEP 2022 AT 0:32

जय काल महाकाल, सब अर्पण करते बेलपत्र, प्रसाद तुम्हें
मैं विष अर्पण करने को इच्छुक हूं,विशुद्ध हलाहल सा

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7 SEP 2022 AT 23:33

तुझसे लिपटकर खुद को भुला देना चाहता था मैं
मैंने बाहें भी फैलाई तो तेरे बहुत दूर जाने के बाद।।
अगर खुदा पूछता मुझसे की क्या आरजू है मेरी
उससे कहता मेरे आंखों में तू और बाहों में तू चाहिए थी।

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5 SEP 2022 AT 20:37

मैं शुक्रियादा करता हूं अल्लाह का और शराब का
पहले ने लिखने को अल्फाज दिए और दूसरे ने जज्बात
बस पीकर और लिखकर ये आग ठंडी कर लेता हूं
एक रात कट गई यही सोचकर हर रोज जी लेता हूं।

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4 SEP 2022 AT 22:31

जब एक रिश्ता जन्म लेने को होता
पूरी कायनात उस प्रसव का भाग होती
जन्म से तारुण्य तक प्रकृति और समाज
सब मूक सहमति देने की आतुरता में होते
फिर अनुराग के सिंचन से वो हृष्ट पुष्ट होता
अपने अस्तित्व से दुनिया को अवगत कराता
सारी चिंताएं समस्याएं वहीं जन्म लेती

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4 SEP 2022 AT 1:50

ऐसा नहीं की मेरा दिल धड़का नहीं किसी और के लिए
पर जो अब ये धड़का है तो लगता है पहले कभी धड़का ही नहीं।

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