खुदा जाने सियासत में अब कौन है मुल्क चिखता-चिल्लाता रहे, लोग सड़को में मरे तो मरने दो चुनावों में पुरा जोर है फिर हर एक बात पर सत्ताधारी मौन है न्याय माँगने को लोग हाथों में तख्तियाँ लिए खड़े है मगर सरकारे समझती है कि हम रद्दीयाँ लिए खड़े है -
खुदा जाने सियासत में अब कौन है मुल्क चिखता-चिल्लाता रहे, लोग सड़को में मरे तो मरने दो चुनावों में पुरा जोर है फिर हर एक बात पर सत्ताधारी मौन है न्याय माँगने को लोग हाथों में तख्तियाँ लिए खड़े है मगर सरकारे समझती है कि हम रद्दीयाँ लिए खड़े है
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