सुकूँन ए रूह को अब भी है इंतज़ार तेरा,
आ देख आज भी वही बैठा है वही यार तेरा!-
उकेरना दिल के अनकहेअल्फ़ाज़ ये कोई नई बात नहीं... read more
कुछ इस तरह मेरी भी नये साल की शुरूआत होती,
इस 30th दिसम्बर को फिर पहले जैसी मुलाकात होती!-
मेरी आँखे यू तेरी तस्वीर से जा लगती है,
सुबह उठकर सब अख़बार ही नही पड़ते!-
सुनो एक हसरत है पूरी कोरोगी क्या
इस दिवाली मेरे घर की लक्ष्मी बनोगी क्या-
कुछ यू जिया हर पल भर कर दिल मे खवाबों के अफसाने,
आँखे खुले तो तलाशे तुझको जो बंद हो जाये तो ख्वाब तेरे !-
कुछ यू अधूरा ही रहा मेरा हर सफर,
कभी खो गये रास्ते तो कभी हमसफर.
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उड़ा दी हमने ये साँसे कुछ यू धुएँ में,
जिंदगी कौन सा आग से कम थी हमारी!-
कैसी ये अजब सी जंग है मुझ मे,
क्यु कोई मुझसे ही तंग है मुझ मे।
दिल ए बेरुखी संग तड़प ए रूह,
क्यु ये रूह ए सुकून कम है मुझमे।-
चाँदनी रातों मे रूह ए धड़कन हद से गुजर जाये,
ख्वाबो मे गर तेरा मिलना मुकम्मल हो जाये l-
लम्हे लिये जाये मुझको यादों के बेहद करीब,
सुकूँन ए रूह को तेरा दीदार ही काफी है!
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